सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एनटीपीसी भारत स्मॉल रिएक्टर्स (बीएसआर) के लिए देश और विदेश में प्रौद्योगिकी साझेदारों की तलाश कर रही है, क्योंकि बिजली उत्पादन की यह दिग्गज कंपनी परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में विस्तार करना चाहती है।
हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2025 के बजट प्रस्तावों में प्रस्ताव दिया कि सरकार बीएसआर की स्थापना के साथ-साथ भारत लघु मॉड्यूलर रिएक्टर (बीएसएमआर) के अनुसंधान एवं विकास के लिए निजी क्षेत्र के साथ साझेदारी करेगी।
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सूत्रों ने बताया कि एनटीपीसी अपने गैर-जीवाश्म ईंधन पोर्टफोलियो का विस्तार करने के लिए परमाणु ऊर्जा पर धीरे-धीरे विचार कर रही है और बीएसआर इसका जवाब हो सकता है। कंपनी बीएसआर स्थापित करने के लिए प्रौद्योगिकी भागीदारों की तलाश कर रही है। इस खोज में घरेलू और विदेशी दोनों फर्मों की प्रौद्योगिकियों की खोज शामिल है।
एनटीपीसी गुजरात, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, ओडिशा और कर्नाटक में परमाणु ऊर्जा संयंत्र लगाने के लिए जमीन की तलाश कर रही है। जमीन पर अंतिम मंजूरी परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड द्वारा दी जाएगी।
इसके अलावा, महारत्न कंपनी ने पहले ही माही-बांसवाड़ा (राजस्थान) में 2,800 मेगावाट क्षमता वाला परमाणु ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम (NPCIL) के साथ एक संयुक्त उद्यम समझौता किया है। परियोजना की लागत लगभग ₹51,000 करोड़ है। परियोजना का काम वित्त वर्ष 25 के अंत तक शुरू होने की उम्मीद है और संयंत्र स्थापित करने में लगभग 8 साल लग सकते हैं।