स्वर्ण उद्योग ने पारदर्शिता सुनिश्चित करने और विश्वास बढ़ाने के लिए स्व-नियामक निकाय का गठन किया

स्वर्ण उद्योग ने पारदर्शिता सुनिश्चित करने और विश्वास बढ़ाने के लिए स्व-नियामक निकाय का गठन किया


स्वर्ण उद्योग के अग्रणी संघों ने एक साथ मिलकर बहुप्रतीक्षित स्व-नियामक संगठन, भारतीय स्वर्ण उत्कृष्टता एवं मानक संघ (आईएजीईएस) का गठन किया है।

एसआरओ में भारतीय बुलियन एवं ज्वैलर्स एसोसिएशन, अखिल भारतीय रत्न एवं आभूषण परिषद, तथा रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद के बोर्ड सदस्य होंगे तथा विश्व स्वर्ण परिषद द्वारा इसका समर्थन किया जाएगा।

एसआरओ, स्वर्ण उद्योग की सम्पूर्ण मूल्य श्रृंखला, जिसमें बुलियन, आभूषण निर्माता और खुदरा विक्रेता शामिल हैं, द्वारा अपनाई जाने वाली अच्छी प्रथाओं को तैयार करेगा।

उद्योग जगत के खिलाड़ी मामूली शुल्क देकर IAGES के सदस्य बन सकते हैं और उन्हें अपने उत्पादों और संचार में SRO लोगो का उपयोग करने का मौका मिलेगा।

आईएजीईएस सदस्यता के लिए पंजीकरण की घोषणा जल्द ही की जाएगी और संगठन 2025 की शुरुआत तक चालू हो जाएगा।

IAGES यह सुनिश्चित करने के लिए तीसरे पक्ष के ऑडिट का उपयोग करेगा कि उसके सदस्य नियमों का अक्षरशः और भावना से पालन करें। सदस्यों को उनके अनुपालन के आधार पर 1 से 5 स्टार तक की रेटिंग दी जाएगी। IAGES स्वतंत्र रूप से संचालित और पेशेवर रूप से प्रबंधित किया जाएगा।

वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के क्षेत्रीय सीईओ (भारत) सचिन जैन ने कहा कि आईएजीईएस की शुरुआत स्वर्ण उद्योग के प्रति विश्वास बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि स्व-नियमन हितधारकों को एक टिकाऊ और भरोसेमंद स्वर्ण बाजार बनाने में सशक्त बनाने में मदद करेगा।

रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद के अध्यक्ष विपुल शाह ने कहा कि स्व-नियामक निकाय बनाकर उद्योग सरकार, उपभोक्ताओं, निवेशकों और रत्न एवं आभूषण उद्योग में अंतर्राष्ट्रीय हितधारकों के बीच विश्वास और भरोसा बनाने की दिशा में एक सक्रिय कदम उठा रहा है।

उन्होंने कहा कि आईएजीईएस न केवल वैश्विक स्वर्ण केंद्र के रूप में भारत की स्थिति को मजबूत करेगा, बल्कि उद्योग के भीतर नवाचार और विकास को भी बढ़ावा देगा।

अखिल भारतीय रत्न एवं आभूषण परिषद के अध्यक्ष संयम मेहरा ने कहा कि एसआरओ के लिए सहयोग समय की मांग है और यह स्वर्ण उद्योग में उत्कृष्टता और पारदर्शिता के मानकों को आगे बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पृथ्वीराज कोठारी ने कहा कि स्व-नियामक इकाई बनाकर उद्योग भारतीय रत्न एवं आभूषण क्षेत्र में सरकारी निकायों, उपभोक्ताओं, निवेशकों और अंतर्राष्ट्रीय साझेदारों के बीच विश्वास और भरोसा बढ़ा रहा है।



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