अग्रणी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB) बैंक ऑफ बड़ौदा, केनरा बैंक और यूको बैंक ने सभी अवधियों में अपने सीमांत लागत आधारित उधार दर (MCLR) में वृद्धि की है, जिससे अधिकांश उपभोक्ता ऋण महंगे हो गए हैं। यह कदम भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के दर-निर्धारण पैनल द्वारा मौद्रिक नीति के फैसले की घोषणा के बाद उठाया गया है, जिसमें उसने लगातार नौवीं बैठक के लिए बेंचमार्क ब्याज दरों को 6.50 प्रतिशत पर बनाए रखा है।