सूत्रों ने बताया कि वेदांता समूह की कंपनी हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड की बिक्री पेशकश (ओएफएस) को खुदरा और संस्थागत निवेशकों से मजबूत प्रतिक्रिया मिली।
उन्होंने बताया कि वेदांता को ओएफएस से लगभग 3,200 करोड़ रुपये प्राप्त होने का अनुमान है।
वेदांता ओएफएस से प्राप्त आय का उपयोग अपनी बैलेंस शीट को बेहतर बनाने और अपनी विकास परियोजनाओं में निवेश के लिए करेगी। इसके साथ ही 8,500 करोड़ रुपये के योग्य संस्थागत प्लेसमेंट से कंपनी और समूह स्तर पर कर्ज कम करने में मदद मिलेगी।
खुदरा निवेशकों के लिए आधार निर्गम आकार 51.44 लाख शेयर था, जबकि कुल खुदरा अभिदान 93.82 लाख शेयर है, जो आधार निर्गम आकार का 1.8 गुना है।
सूत्रों ने बताया कि संस्थागत निवेशकों के लिए आधार निर्गम 4.62 करोड़ शेयरों का था, जबकि कुल संस्थागत अभिदान 6.36 करोड़ या 1.4 गुना रहा। उन्होंने बताया कि ओएफएस के माध्यम से बेचे गए कुल शेयर 6.3605 करोड़ हैं।
कंपनी का प्रस्तावित विभाजन भी पटरी पर है, कंपनी ने अपने 75 प्रतिशत सुरक्षित ऋणदाताओं से मंजूरी मिलने के साथ-साथ स्टॉक एक्सचेंजों से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करने के बाद एनसीएलटी के पास व्यवस्था की एक समग्र योजना दाखिल की है।
इस योजना में वेदांता के मौजूदा कारोबार को छह स्वतंत्र सूचीबद्ध कंपनियों में विभाजित करने की परिकल्पना की गई है, जो इसके एल्युमीनियम, तेल और गैस, बिजली, इस्पात और लौह धातु, आधार धातु और अन्य मौजूदा कारोबार को संभालेंगी।
विभाजन की योजना एक सरल ऊर्ध्वाधर विभाजन के रूप में बनाई गई है, जिसके तहत वेदांता लिमिटेड के प्रत्येक एक शेयर के बदले शेयरधारकों को पांच नई सूचीबद्ध कंपनियों में से प्रत्येक का एक शेयर अतिरिक्त रूप से प्राप्त होगा।
बीएसई को दी गई जानकारी में वेदांता ने कहा, “हमारी सहायक कंपनी हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड (जो कंपनी की कुल जारी और चुकता इक्विटी शेयर पूंजी का 1.51 प्रतिशत है) में हमारे पास मौजूद 2 रुपये अंकित मूल्य के 63,605,891 इक्विटी शेयरों की बिक्री के बाद, 16 अगस्त, 2024 और 19 अगस्त, 2024 को स्टॉक एक्सचेंज मैकेनिज्म के माध्यम से बिक्री के लिए प्रस्ताव के माध्यम से… कंपनी में हमारी हिस्सेदारी 63.42 प्रतिशत हो गई है।” 30 जून, 2024 तक, वेदांता का शुद्ध ऋण 61,324 करोड़ रुपये था।
वेदांता ने जून तिमाही में समेकित शुद्ध लाभ में 36.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की, जो 3,606 करोड़ रुपये रहा। कंपनी ने एक साल पहले इसी तिमाही में 2,640 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया था।
इसकी आय 34,279 करोड़ रुपये से बढ़कर 36,698 करोड़ रुपये हो गयी।
पिछले महीने खनन समूह ने 440 रुपये प्रति शेयर के निर्गम मूल्य पर 19.31 करोड़ इक्विटी शेयरों के योग्य संस्थागत प्लेसमेंट के जरिए 8,500 करोड़ रुपये जुटाए थे।