दिसंबर 2023 में, सरकार ने घरेलू खपत के लिए पर्याप्त चीनी की उपलब्धता सुनिश्चित करने और कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए 2023-2024 ESY (दिसंबर-नवंबर) में इथेनॉल उत्पादन के लिए गन्ने के रस या चीनी सिरप के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया।
खाद्य मंत्रालय के आदेश में कहा गया है, “चीनी मिलों और डिस्टिलरी को ओएमसी (तेल विपणन कंपनियों) के साथ समझौते/आवंटन के अनुसार ईएसवाई 2024-2025 के लिए गन्ने के रस/चीनी सिरप, बी-हैवी गुड़ के साथ-साथ सी-हैवी गुड़ से इथेनॉल का उत्पादन करने की अनुमति है।”
इसमें कहा गया है कि खाद्य मंत्रालय और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय देश में चीनी उत्पादन के साथ-साथ इथेनॉल उत्पादन के लिए चीनी के उपयोग की समय-समय पर समीक्षा करेंगे, ताकि घरेलू खपत के लिए चीनी की साल भर उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके।
आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि भारत में इथेनॉल मिश्रण चालू सीजन के जुलाई तक 13.3% तक पहुंच गया है, जो 2022-2023 सीजन के दौरान 12.6% था।
वर्तमान में देश की कुल इथेनॉल उत्पादन क्षमता 1,589 करोड़ लीटर है। इसमें से तेल विपणन कंपनियों ने 2023-2024 सत्र के दौरान मिश्रण के लिए 505 करोड़ लीटर इथेनॉल खरीदा है।
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सरकार का लक्ष्य 2025-2026 तक 20% इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य हासिल करना है।
भारत ब्राजील के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चीनी उत्पादक देश है।