संघीय एजेंसी ने हरियाणा के गुरुग्राम जिले में 52.11 एकड़ जमीन को अस्थायी रूप से कुर्क किया है। एजेंसी ने एक बयान में कहा कि जांच ऑएस्टर बिल्डवेल प्राइवेट लिमिटेड (ओबीपीएल) नामक कंपनी से संबंधित है, जिसके लाभकारी मालिक गौतम थापर हैं।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज मामला थापर, ओबीपीएल और व्यवसायी की अन्य कंपनी अवंता रियल्टी लिमिटेड के खिलाफ सीबीआई की प्राथमिकी से उपजा है।
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आरोप है कि उन्होंने 2017 और 2019 के बीच सार्वजनिक धन के दुरुपयोग के लिए “धोखाधड़ी” और “जालसाजी” की और 2019 के बीच सार्वजनिक धन के दुरुपयोग के लिए “जालसाजी” की और 2019 के बीच सार्वजनिक धन के दुरुपयोग के लिए “धोखाधड़ी … और “जालसाजी” ₹यस बैंक को 466.51 करोड़ रुपये का लोन दिया गया। ईडी के मुताबिक, ओबीपीएल ने यस बैंक से 466.51 करोड़ रुपये का लोन लिया। ₹2018 में यस बैंक लिमिटेड से “झूठे” ओ एंड एम (संचालन और रखरखाव) समझौतों के आधार पर 514.27 करोड़ रुपये उधार लिए गए।
एजेंसी ने आरोप लगाया, “इस ऋण राशि में से 14.11 करोड़ रुपये यस बैंक ने ऋण प्रसंस्करण शुल्क के रूप में रख लिए और शेष 500.11 करोड़ रुपये ओबीपीएल ने फर्जी संचालन एवं रखरखाव समझौतों की आड़ में अपनी सहयोगी कंपनियों को हस्तांतरित कर दिए।”
चूंकि उक्त ऋण “संदिग्ध” परिस्थितियों में दिया गया था, इसलिए यह अंततः बैंक के लिए एनपीए (गैर-निष्पादित परिसंपत्ति) बन गया, और केवल 47.75 करोड़ रुपये ही वसूल किए जा सके और 466.51 करोड़ रुपये की “अपराध आय” वसूल नहीं हो सकी।
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ईडी ने इस जांच के तहत पहले दिल्ली की एक विशेष पीएमएलए अदालत में थापर और यस बैंक के पूर्व प्रमोटर राणा कपूर समेत 18 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। थापर को इस मामले में गिरफ्तार किया गया था और फिलहाल वह स्वास्थ्य आधार पर अदालत द्वारा दी गई जमानत पर बाहर हैं।