न्यायालय ने रिट याचिका को खारिज कर दिया है और कंपनी को संयुक्त संयंत्र समिति के पास जाने की छूट दी है। कंपनी ने नियामकीय फाइलिंग में कहा कि वह इस मामले में आगे कानूनी उपाय तलाशेगी।
पिछले वार्षिक लेखापरीक्षित वित्तीय विवरण के अनुसार बकाया ऋण (मूलधन और ब्याज) है ₹2,751.17 करोड़। इसके अतिरिक्त, ₹2,751.17 करोड़ की पूरी राशि को पहले ही अंतिम लेखापरीक्षित वित्तीय विवरणों में उधार के रूप में दर्ज किया जा चुका है।
टाटा स्टील ने कहा, “यह टाटा स्टील लिमिटेड (‘कंपनी’) द्वारा कलकत्ता के माननीय उच्च न्यायालय (‘माननीय उच्च न्यायालय’) में दायर रिट याचिका के संबंध में 2 अप्रैल, 2024 को हमारे खुलासे के अतिरिक्त है, जिसमें स्टील डेवलपमेंट फंड (‘एसडीएफ’) से कंपनी द्वारा लिए गए ऋणों की माफी के संबंध में कंपनी द्वारा किए गए अभ्यावेदन को अस्वीकार करने का मामला शामिल है।”