डॉ. रेड्डी लैबोरेटरीज के सीईओ (एपीआई एवं सेवाएं) दीपक सपरा के अनुसार, एआई और मशीन लर्निंग जैसी उन्नत प्रौद्योगिकियों का उपयोग भारी मात्रा में डेटा के प्रसंस्करण में लाभदायक होगा।
इंजीनियरिंग और विनिर्माण में डिजिटल परिवर्तन पर आयोजित शिखर सम्मेलन में मुख्य भाषण देते हुए सपरा ने कहा कि दवा की खोज की प्रक्रिया 10 से 15 वर्षों तक चलने वाली एक लंबी प्रक्रिया थी, जिसमें लगभग दो अरब डॉलर का खर्च आया, जबकि सफलता की दर 30 प्रतिशत से अधिक नहीं थी।
उन्होंने कहा, “इन चुनौतियों से निपटने के लिए केवल कुछ ही तरीके हैं – नवाचार और प्रौद्योगिकी द्वारा संचालित सहयोग। हमारी स्वास्थ्य सेवा हमारे मोबाइल फोन में निहित है। यह एक बड़ी डायग्नोस्टिक लैब को हमारी हथेली में बदल देता है जो हमेशा आपके साथ रहती है और आपकी छाया की तरह आपका अनुसरण करती है।” प्लुरल टेक्नोलॉजी के संस्थापक और सीईओ सुनील सवारम ने कहा कि भारत में अनुसंधान और विकास पर खर्च किए जा रहे मुनाफे का प्रतिशत केवल 0.8 प्रतिशत है, जबकि दक्षिण कोरिया द्वारा 5.2 प्रतिशत खर्च किया जाता है।
(बीएल इंटर्न रमित मेहरोत्रा की रिपोर्ट)