भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा खाद्य एवं पेय पदार्थ क्षेत्र में जल संरक्षण पर आयोजित एक सम्मेलन के अवसर पर सीएनबीसी-टीवी18 से बात करते हुए उन्होंने कहा कि कंपनी भारत में निर्मित सिंगल माल्ट को लेकर उत्साहित है, जो विश्व स्तर पर धूम मचा रहा है।
हालांकि कंपनी पहले से ही अपने अधिकांश ब्रांडों का निर्यात करती है, लेकिन इसका ब्रांड गोडावण अब अमेरिका में बिक रहा है और ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और मध्य पूर्व में भी इसकी बिक्री शुरू होने वाली है।
आयात शुल्क कम होने के कारण भारतीय उद्योग पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका से संबंधित चिंताओं को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि स्कॉच व्हिस्की अपने आप में भारत में व्हिस्की का एक छोटा घटक है तथा उन्होंने आश्वासन दिया कि इसके आयात से स्थानीय उद्योग पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि अधिकांश आयातित स्कॉच व्हिस्की थोक मात्रा में आ रही है और उसे भारतीय उत्पादों में मिलाया जा रहा है, जिससे स्थानीय निवेश और रोजगार सृजन में मदद मिलेगी।
इस बात से सहमति जताते हुए कि शराब उद्योग में महिलाएं उपभोक्ताओं के स्वाभाविक उपभोक्ता समूह के रूप में उभर रही हैं, उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि कंपनी यह सुनिश्चित कर रही है कि शराब के उपभोक्ताओं को संबोधित हर चीज में महिलाओं और अन्य समूहों को उसी तरह बढ़ावा दिया जाए, जैसा वे दिखाना चाहेंगे।
उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य “अधिक नहीं बल्कि बेहतर शराब पीने” के माध्यम से जिम्मेदारीपूर्वक शराब पीने को बढ़ावा देना है।
उन्होंने बताया कि पिछले 2 सालों में एल्कोबेव उद्योग में वृद्धि धीमी हुई है, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि हमारे उद्योग में प्रीमियमीकरण अभी भी बरकरार है क्योंकि कंपनी को उम्मीद है कि उपभोक्ता बेहतर पेय पदार्थ पीना चाहेंगे। कंपनी की योजना दोहरे अंकों में ऑफलाइन वृद्धि हासिल करने की है।