सीएनबीसी-टीवी18 के साथ एक साक्षात्कार में ग्रीनडे के संस्थापक और सीईओ प्रतीक रस्तोगी ने बताया कि जुटाई गई नई धनराशि का उपयोग कंपनी के परिचालन को बढ़ाने में किया जाएगा।
रस्तोगी ने विस्तार से बताया, “हम मुख्य रूप से न्यूट्री-फार्म बनाते हैं, जो हमारे किसानों के साथ मिलकर पोषण-सघन फार्म होते हैं। इसलिए, इन फंड का उपयोग इनके विस्तार, विभिन्न उत्पादों, विभिन्न फसलों के लिए एक तकनीक के रूप में बायोफोर्टिफिकेशन के विस्तार और फिर निश्चित रूप से उपभोक्ता शिक्षा पर अधिक प्रयास करने के लिए किया जाएगा।”
2017 में स्थापित ग्रीनडे 15,000 से अधिक किसानों के साथ मिलकर काम करता है, जो पोषक तत्वों से भरपूर अनाज की किस्मों की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए शिक्षा और प्रोत्साहन पर ध्यान केंद्रित करता है। स्टार्टअप का दावा है कि उसने 10 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व अर्जित किया है।
आगे बढ़ते हुए, रस्तोगी ने बाजरा और सरसों जैसे विशिष्ट तिलहनों को जैव-सशक्त बनाने की कंपनी की योजनाओं पर प्रकाश डाला। इसके अतिरिक्त, कंपनी का लक्ष्य तेलंगाना और आंध्र प्रदेश क्षेत्रों में विस्तार करना है, जहाँ बाजरा और मक्का मुख्य रूप से स्थानीय किसानों द्वारा उगाए जाते हैं।
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