सुझाव 17 जून तक मंत्रालय को भेजे जाने हैं और 2024-25 का पूर्ण बजट जुलाई के उत्तरार्ध में संसद में पेश किए जाने की उम्मीद है।
मंत्रालय के अनुसार, सुझावों में शुल्क संरचना, दरों में परिवर्तन तथा प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष करों पर कर आधार को व्यापक बनाने के विचार शामिल हो सकते हैं, ताकि इसके लिए आर्थिक औचित्य दिया जा सके।
सीमा शुल्क और उत्पाद शुल्क में परिवर्तन के लिए, व्यापार और उद्योग को उत्पादन, कीमतों और सुझाए गए परिवर्तनों के राजस्व निहितार्थ के बारे में प्रासंगिक सांख्यिकीय जानकारी के साथ अपनी मांग को पूरा करना और उचित ठहराना होगा।
उल्टे शुल्क ढांचे में सुधार के अनुरोध को वस्तु के विनिर्माण के प्रत्येक चरण में मूल्य संवर्धन द्वारा समर्थित किया जाना होगा।
प्रत्यक्ष करों के संबंध में मंत्रालय ने कहा कि सुझाव अनुपालन कम करने, कर निश्चितता प्रदान करने और मुकदमेबाजी कम करने पर भी हो सकते हैं।
इसमें कहा गया है कि मध्यम अवधि में सरकार की नीति कर प्रोत्साहन, कटौतियों और छूटों को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने तथा साथ ही कर की दरों को युक्तिसंगत बनाने की है।
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