विश्व कैस्टर सस्टेनेबिलिटी फोरम (WCSF) की 10 सदस्य कंपनियों ने टिकाऊ अरंडी के बीज का उत्पादन करने का फैसला किया है। ये कंपनियां चालू वर्ष में ही विश्व बाजार में टिकाऊ अरंडी का तेल बेचने की स्थिति में होंगी।
इस संबंध में, 21-23 जून के दौरान अहमदाबाद में आयोजित ‘प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण’ (टीओटी) कार्यशाला में डब्ल्यूसीएसएफ के सदस्यों के 30 प्रतिनिधियों को प्रशिक्षक के रूप में ‘टिकाऊ अरंडी उत्पादन’ में प्रशिक्षित किया गया।
मीडिया वक्तव्य में कहा गया कि कार्यक्रम का उद्देश्य अरंडी उद्योग में टिकाऊ प्रथाओं को आगे बढ़ाना है।
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व्यापक प्रशिक्षण
डब्ल्यूसीएसएफ के टीओटी कार्यक्रम ने उद्योग विशेषज्ञों, हितधारकों और प्रशिक्षकों को टिकाऊ अरंडी उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण सिद्धांतों पर गहन विचार-विमर्श करने के लिए एक साथ लाया। प्रतिभागियों ने चर्चा में भाग लिया और अभिनव तकनीकों और रणनीतियों के बारे में जानकारी प्राप्त की जो पारिस्थितिक संतुलन को बढ़ावा देती हैं, सामुदायिक सहभागिता को बढ़ाती हैं, प्रभावी शासन सुनिश्चित करती हैं और कृषि उत्पादकता को अनुकूलित करती हैं।
‘सतत भविष्य को सशक्त बनाना’ के उद्देश्य के तहत आयोजित तीन दिवसीय कार्यक्रम में व्यापक प्रशिक्षण सत्र और इंटरैक्टिव फार्म दौरे शामिल थे, जिससे पर्यावरण संरक्षण, सामाजिक जिम्मेदारी, शासन और कृषि की सर्वोत्तम प्रथाओं पर एक मजबूत संवाद को बढ़ावा मिला। उपस्थित लोगों ने किसानों के साथ बातचीत की और कार्रवाई में टिकाऊ प्रथाओं को देखा। बयान में कहा गया है कि इन अनुभवों ने न केवल उनकी समझ को गहरा किया बल्कि दीर्घकालिक स्थिरता लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में सहयोगी प्रयासों को भी प्रेरित किया।
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इस अवसर पर डब्ल्यूसीएसएफ के संचालन को सुचारू बनाने के लिए एक मोबाइल ऐप भी जारी किया गया।
डब्ल्यूसीएसएफ के निदेशक हरेश व्यास के हवाले से बयान में कहा गया, “यह पहल अरंडी उद्योग के भीतर सतत विकास को आगे बढ़ाने के लिए प्रशिक्षकों को आवश्यक ज्ञान और उपकरणों से लैस करने की हमारी प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।”