डिस्टिल के सह-संस्थापक अतनु अग्रवाल ने सीएनबीसी-टीवी18 के साथ एक साक्षात्कार में बताया कि इस धनराशि का उपयोग मुख्य रूप से अनुसंधान एवं विकास क्षमताओं को आगे बढ़ाने तथा प्रक्रिया इंजीनियरिंग को बढ़ाने के लिए किया जाएगा।
उन्होंने कहा, “हम एक उत्पाद-संचालित कंपनी हैं। इसलिए फंड का पहला और सबसे महत्वपूर्ण उपयोग हमारे अनुसंधान एवं विकास और प्रक्रिया इंजीनियरिंग क्षमताओं के लिए है। इसलिए आप देखेंगे कि अधिकांश फंडिंग हमारी अनुसंधान एवं विकास टीम, सेटअप और हमारे अनुबंध निर्माण प्लेटफ़ॉर्म के लिए आवंटित की जा रही है।”
अग्रवाल ने इस बात पर प्रकाश डाला कि इस धनराशि का उपयोग व्यापार विकास और बिक्री प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए भी किया जाएगा, तथा इसका लक्ष्य भारत से परे उत्तरी अमेरिका और यूरोप के बाजार भी होंगे।
डिस्टिल भारत में अपनी मौजूदा क्षमताओं को एकत्रित करके और उन्हें एक मजबूत आरएंडडी ढांचे के साथ एकीकृत करके खुद को अलग पहचान देता है। अग्रवाल ने बताया, “हम उन व्यवसायों के लिए एकीकृत समाधान पेश करने के लिए प्रतिबद्ध हैं जो अपनी आपूर्ति श्रृंखलाओं में विविधता लाना और लचीलापन बढ़ाना चाहते हैं।”
कंपनी की रणनीति विशिष्ट, जटिल रसायनों को प्राथमिकता देती है जिनके लिए विशेष बैच प्रक्रियाओं और व्यापक अनुसंधान एवं विकास की आवश्यकता होती है।
यह फंडिंग, जंगल वेंचर्स द्वारा भारत में उनकी पहल, फर्स्ट चेक के शुभारंभ के बाद से किया गया पहला प्रारंभिक निवेश है, जिसका उद्देश्य शुरुआती चरण के उद्यमों में दूसरी बार के उद्यमियों और अनुभवी ऑपरेटरों को समर्थन देना है।
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