सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार, 10 जुलाई को अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकनॉमिक जोन (SEZ) को अंतरिम राहत देते हुए कच्छ क्षेत्र में उन्हें आवंटित 108 हेक्टेयर भूमि की वसूली के गुजरात उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी। सर्वोच्च न्यायालय का यह फैसला अडानी पोर्ट्स द्वारा दायर याचिका के जवाब में आया है, जिसमें गुजरात सरकार द्वारा भूमि को पुनः प्राप्त करने के कदम को चुनौती दी गई थी।
न्यायालय ने अडानी समूह की कंपनी की याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति जता दी है और राज्य सरकार से जवाब मांगा है।
यह विवाद गुजरात उच्च न्यायालय में दायर एक जनहित याचिका (पीआईएल) से उत्पन्न हुआ, जिसमें स्थानीय समुदाय के लिए चरागाह भूमि के नुकसान का हवाला देते हुए अडानी पोर्ट्स को भूमि आवंटन की वैधता पर सवाल उठाया गया था। जनहित याचिका में तर्क दिया गया था कि अडानी पोर्ट्स को इतनी बड़ी भूमि आवंटित करने से चरागाह के लिए उस पर निर्भर स्थानीय समुदाय प्रभावित होंगे।
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