देश की सबसे बड़ी जस्ता उत्पादक कंपनी हिंदुस्तान जिंक ने गुरुवार को सेरेंटिका रिन्यूएबल्स के साथ नवीकरणीय ऊर्जा एकीकरण के पहले चरण की शुरुआत की घोषणा की।
अक्षय ऊर्जा का उपयोग राजस्थान में जस्ता निर्माता की परिचालन व्यावसायिक इकाइयों के लिए किया जा रहा है।
हिंदुस्तान जिंक ने 450 मेगावाट चौबीसों घंटे बिजली की आपूर्ति के लिए सेरेंटिका के साथ विद्युत वितरण समझौता किया है, जिससे कंपनी को 2.7 मिलियन मीट्रिक टन कार्बन उत्सर्जन कम करने में मदद मिलेगी।
कंपनी ने एक बयान में कहा, “सेरेंटिका ने अपनी 180 मेगावाट की सौर परियोजना से हिंदुस्तान जिंक को अक्षय ऊर्जा की आपूर्ति शुरू कर दी है। वेदांता समूह के भीतर यह अपनी तरह की पहली पहल है।”
वेदांता के स्वामित्व वाली हिंदुस्तान जिंक के पास मौजूदा 40.70 मेगावाट सौर ऊर्जा की कैप्टिव क्षमता है तथा यह अपनी शेष ऊर्जा आवश्यकताओं के लिए पारंपरिक ईंधन स्रोतों पर निर्भर है।
जिंक निर्माता का लक्ष्य प्रतिवर्ष लगभग 0.45 मिलियन टन CO2 उत्सर्जन कम करना है।
हिंदुस्तान जिंक के सीईओ अरुण मिश्रा के अनुसार, कंपनी जलवायु कार्रवाई पहलों में सक्रिय रूप से निवेश कर रही है ताकि 2050 तक या उससे पहले जलवायु को शून्य किया जा सके।
उन्होंने कहा, “यह परियोजना न केवल पारंपरिक ईंधन पर हमारी निर्भरता को कम करेगी, बल्कि परिचालन को कार्बन मुक्त करने की दिशा में हमारे परिवर्तन में भी सहायक होगी।”