हैदराबाद स्थित ड्रोन निर्माता और ड्रोन एज ए सर्विस प्रदाता मारुत ड्रोन्स ने 2024 के अंत तक 500 ड्रोन उद्यमी बनाने की योजना के साथ तमिलनाडु में प्रवेश किया है। उर्वरकों के छिड़काव के लिए ड्रोन का उपयोग करके किसान संभावित रूप से प्रति माह ₹50,000 से ₹60,000 तक कमा सकते हैं।
मारुत ड्रोन ड्रोन प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए अन्नामलाई विश्वविद्यालय के साथ भी सहयोग कर रहा है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि मारुत कृषि ड्रोन के लिए बैंक ऋण लेने वाले किसान कृषि अवसंरचना कोष के तहत छह प्रतिशत ब्याज सब्सिडी के भी हकदार हो सकते हैं।
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छोटे और मध्यम ड्रोन के निर्माण के लिए नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) से मंजूरी मिलने के बाद, मारुत ड्रोन्स का लक्ष्य तमिलनाडु में अपने डीलर नेटवर्क का विस्तार करना और किसानों को ड्रोन संचालन का प्रशिक्षण देकर उन्हें शिक्षित करना है। इस पहल से युवा व्यक्तियों को कृषि को पेशे के रूप में अपनाने और ड्रोन ऑपरेटर बनने के लिए आकर्षित होने की उम्मीद है।
राज्य में कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) और स्थानीय ग्राम पंचायतों तथा किसान सहकारी समितियों जैसे संगठनों द्वारा ड्रोन तकनीक को बढ़ावा दिया जा रहा है। हालांकि, किसानों के बीच इसे अपनाना अभी भी शुरुआती चरण में है, विज्ञप्ति में कहा गया है।