बीना मोदी बनाम समीर मोदी: दिल्ली की अदालत ने आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज किया

बीना मोदी बनाम समीर मोदी: दिल्ली की अदालत ने आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज किया


दिल्ली की साकेत अदालत ने शनिवार (20 जुलाई) को बीना मोदी और गॉडफ्रे फिलिप्स के तीन अन्य निदेशकों द्वारा समीर मोदी के खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज कर लिया।

बीना मोदी मोदी एंटरप्राइजेज की अध्यक्ष हैं, जिसमें गॉडफ्रे फिलिप्स जैसी कंपनियां शामिल हैं। समीर मोदी उनके बेटे हैं और मोदी एंटरप्राइजेज के अंतर्गत आने वाली कई कंपनियों के बोर्ड में शामिल हैं। वह गॉडफ्रे फिलिप्स में कार्यकारी निदेशक भी हैं।

मानहानि के मुकदमे में समीर मोदी के मीडिया में दिए गए बयानों को जानबूझकर, झूठा, दुर्भावनापूर्ण, मनगढ़ंत और निराधार बताया गया है। मुकदमे में उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 500 के तहत आपराधिक कार्रवाई की मांग की गई है। मानहानि के मुकदमे में समीर मोदी के बयानों के कारण हुए “नुकसान और चोट” के लिए मुआवजे की भी मांग की गई है।

समीर मोदी ने सार्वजनिक बयानों में आरोप लगाया है कि 30 मई को ऑडिट कमेटी की बैठक के दिन उनकी मां बीना मोदी के सुरक्षा अधिकारी ने उन पर हमला किया था। उन्होंने दावा किया कि सुरक्षा अधिकारी बीना मोदी के निर्देश पर काम कर रहा था। उन्होंने आगे दावा किया कि अन्य चोटों के अलावा उनकी उंगली टूट गई और उन्हें चिकित्सा सहायता लेने के लिए मजबूर होना पड़ा। समीर मोदी और सुरक्षा अधिकारी दोनों ने एक-दूसरे के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है।

मानहानि के मुकदमे में बीना मोदी ने इस आरोप से इनकार किया है कि समीर मोदी पर हमला किया गया। याचिका में आगे तर्क दिया गया है कि सीसीटीवी फुटेज से साफ पता चलता है कि समीर मोदी ने ही सुरक्षाकर्मियों पर हमला किया था।

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याचिका में तर्क दिया गया है कि समीर ने बीना मोदी को बदनाम करने के लिए एक नापाक और आपराधिक इरादे से मीडिया को कई बयान और साक्षात्कार जारी किए। याचिका में कहा गया है कि समीर मोदी ने गलत धारणा बनाई है कि बीना मोदी एक नीच व्यक्ति है, जिसने लालच के लिए अपने बेटे पर हमला किया और उसे मार डाला। बीना मोदी का दावा है कि उसके बयानों ने उनकी सद्भावना और सार्वजनिक छवि को प्रभावित किया है।

उनकी ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने कहा, “उनके (समीर मोदी के) अपने शब्दों में जीपीआई बोर्ड के खिलाफ इस तरह के बयानों का कारण एक विरासत विवाद है जो न्यायालय में विचाराधीन है। यह एक मनगढ़ंत कहानी के पीछे उनका पूरा इरादा है, जिसका उद्देश्य अपनी मां और तीन प्रतिष्ठित पेशेवरों को बदनाम करना और लंबित विवाद में लाभ प्राप्त करना है।”

अब इस मामले की सुनवाई 9 अगस्त को होगी।

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