उन्होंने कहा, “इसलिए लोग सोचते हैं कि भारतीय दुनिया का कार्यालय बन सकते हैं। हम मैकेनिकल जॉब कर सकते हैं, हम कोडर हो सकते हैं और हम अंग्रेजी बोल सकते हैं। लेकिन भारत इन सबसे कहीं आगे है।”
धवन ने भारत में तेजी से बढ़ते रचनात्मक उद्योग पर प्रकाश डाला तथा एक ऐसी कंपनी का उदाहरण दिया जो प्रमुख हॉलीवुड स्टूडियो के लिए दृश्य प्रभाव का काम संभालती है।
“हमारे पास एक ऐसी कंपनी है जो दुनिया के सभी हॉलीवुड स्टूडियो के लिए विजुअल इफेक्ट्स बनाती है, और इन लोगों को सिर्फ़ विजुअल इफेक्ट्स के लिए ही सौ मिलियन डॉलर का कॉन्ट्रैक्ट मिलता है। आप ‘ग्रेविटी’ जैसी फ़िल्म की कल्पना कर सकते हैं – 2D से 3D रूपांतरण गोरेगांव और चंडीगढ़ में किया गया था। यही नया भारत है, और यहीं नया अवसर है।”प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में भारत में उपलब्ध सुनहरे अवसरों के बारे में बात की और निजी क्षेत्र से इन संभावनाओं का लाभ उठाने का आग्रह किया। धवन ने भी इसी भावना को दोहराते हुए न केवल सेवाओं बल्कि विनिर्माण क्षेत्र में भी अवसरों पर चर्चा की।
उन्होंने उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना जैसी सरकारी पहलों की सराहना की, जो कच्चे माल की आपूर्ति श्रृंखला को स्थानीय बनाने और आयात पर निर्भरता कम करने में महत्वपूर्ण रही है।
निवेश का उदाहरण देते हुए, धवन ने एयर कंडीशनर के लिए एक मूल डिजाइन निर्माता का उल्लेख किया, जिसने अगले कुछ वर्षों में चीनी आयात पर अपनी निर्भरता को 80% से घटाकर अनुमानित 0% कर दिया है।
उन्होंने बताया, “हमारे पास पीछे की ओर एकीकरण के लिए जितना अधिक नीतिगत ढांचा होगा, हम उतने ही अधिक प्रतिस्पर्धी बनेंगे। निवेशकों के रूप में हमारी भूमिका केवल वित्तपोषण प्रदान करना ही नहीं है, बल्कि इन कंपनियों को राष्ट्रीय, क्षेत्रीय या वैश्विक चैंपियन बनने में मदद करना भी है।”
धवन की अंतर्दृष्टि एक गतिशील और विविधतापूर्ण भारतीय अर्थव्यवस्था की तस्वीर पेश करती है, जो विभिन्न क्षेत्रों में विश्व मंच पर अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है।
संपूर्ण साक्षात्कार के लिए संलग्न वीडियो देखें।