भारत के नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में पिछले 10 वर्षों में 7 ट्रिलियन रुपये का निवेश हुआ: प्रल्हाद जोशी

भारत के नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में पिछले 10 वर्षों में 7 ट्रिलियन रुपये का निवेश हुआ: प्रल्हाद जोशी


नई दिल्ली: भारत के नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र को लगभग 1.5 बिलियन अमरीकी डालर का निवेश प्राप्त हुआ है। केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि देश में नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र को पुनर्जीवित करने की योजना है। उन्होंने कहा कि 2013-2014 और 2022-23 के बीच नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में 7 ट्रिलियन डॉलर का निवेश होगा।

राज्यसभा में चर्चा के दौरान जोशी ने मंगलवार को कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र के लिए आगे का रास्ता वर्तमान चुनौतियों का समाधान करने के साथ-साथ विकास के अवसरों का लाभ उठाना है।

जोशी ने कहा, “मुझे विश्वास है कि इन क्षेत्रों पर ध्यान देकर भारत अपने महत्वाकांक्षी नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों को प्राप्त कर सकता है और करेगा।”

“भारत ने नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के निवेश की गतिशीलता में महत्वपूर्ण बदलाव देखा है, जिसमें लगभग 1.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर का वित्त पोषण हुआ है।” उन्होंने कहा, “पिछले 10 वर्षों के दौरान, यानी वित्त वर्ष 2014-वित्त वर्ष 2023 के दौरान 7 लाख करोड़ रुपये का कारोबार हुआ है।”

भारत का लक्ष्य 2030 तक अपनी गैर-जीवाश्म ऊर्जा क्षमता को 500 गीगावाट तक बढ़ाना है, जो वर्तमान में स्थापित नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता लगभग 180.79 गीगावाट है।

जोशी ने कहा कि सरकार की योजना 13,000 मेगावाट नवीकरणीय क्षमता स्थापित करने की है, जिसमें 9,000 मेगावाट सौर और 4,000 मेगावाट पवन ऊर्जा के साथ-साथ लद्दाख में 12,000 मेगावाट घंटे की बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली शामिल है।

जोशी ने कहा, “लद्दाख में 13 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के विद्युत निष्कासन और ग्रिड एकीकरण तथा देश के अन्य भागों में विद्युत प्रेषण के लिए एक अंतर-राज्यीय पारेषण प्रणाली स्थापित की जानी है।”

2014 से भारत की स्थापित नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता में 165% की वृद्धि हुई है, जो 2014 में 76.38 गीगावाट से बढ़कर 203.1 गीगावाट हो गयी है।

जोशी ने कहा, “देश में पहली बार हमने गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से 200 गीगावाट क्षमता को पार कर लिया है। इसमें 85.47 गीगावाट सौर ऊर्जा, 46.93 गीगावाट बड़ी जलविद्युत, 46.66 गीगावाट पवन ऊर्जा, 10.95 गीगावाट जैव ऊर्जा और 5.00 गीगावाट छोटी जलविद्युत शामिल है।”

उन्होंने कहा कि भारत की स्थापित सौर ऊर्जा क्षमता मार्च 2014 में 2.82 गीगावाट से बढ़कर जून 2024 में 85.47 गीगावाट हो जाएगी और स्थापित पवन ऊर्जा क्षमता 21.04 गीगावाट से बढ़कर 46.66 गीगावाट हो जाएगी।

भारत में कुल नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन 2013-14 में 193.50 बिलियन यूनिट (बीयू) से बढ़कर 2023-24 में 359.89 बीयू हो गया है, जो 86% की वृद्धि है, जबकि सौर ऊर्जा शुल्क में 1.5% की कमी आई है। 2010-11 में 10.95 प्रति यूनिट से मंत्री ने कहा कि 2023-24 में यह 2.60 रुपये हो जाएगा।

जोशी ने कहा, “भारत ने नवीकरणीय ऊर्जा स्थापित क्षमता में विश्व स्तर पर चौथा स्थान हासिल किया है। हम पवन ऊर्जा क्षमता में चौथे और सौर पीवी क्षमता में पांचवें स्थान पर हैं।”

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