सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी गेल ने भारत में 500 किलो टन प्रति वर्ष (केटीए) क्षमता का बायो-एथिलीन संयंत्र स्थापित करने के लिए संयुक्त उद्यम की संभावना तलाशने हेतु अमेरिका स्थित पेट्रोन साइंटेक के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।
एमओयू के तहत गेल और पेट्रोन संयुक्त रूप से परियोजना की तकनीकी व्यवहार्यता और वित्तीय संभावनाओं का पता लगाने के लिए व्यवहार्यता अध्ययन करेंगे। गेल ने कहा कि दोनों पक्ष परियोजना में निवेश करने और संयुक्त उद्यम कंपनी बनाने के लिए अपने-अपने प्रबंधन से मंजूरी लेंगे।
गेल के निदेशक (व्यवसाय विकास) राजीव कुमार सिंघल ने कहा: “यह समझौता ज्ञापन भारत में संधारणीय प्रथाओं को बढ़ाने और जैव-अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। दोनों कंपनियों के कौशल और ताकत समझौता ज्ञापन के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए तालमेल बनाएंगे। गेल और पेट्रोन के बीच सहयोग न केवल तकनीकी प्रगति को बढ़ावा देगा, बल्कि भारत में आर्थिक विकास और पर्यावरणीय स्थिरता को भी बढ़ावा देगा।”
पेट्रोन दुनिया भर में इथेनॉल, जैव-एथिलीन, जैव-रसायन (एथिलीन ऑक्साइड / मोनो एथिलीन ग्लाइकॉल, मेथनॉल) और जैव-ईंधन परियोजनाओं के उत्पादन के लिए बायोमास और अनाज प्रसंस्करण बायोरिफाइनरी परियोजनाएं स्थापित करने में विशेषज्ञता रखता है।
पेट्रोन के पास बायोएथेनॉल और बायो-एथिलीन दोनों का उत्पादन करने की तकनीक है। वैश्विक बायो-एथिलीन प्रौद्योगिकी बाजार में इसकी 90 प्रतिशत हिस्सेदारी है।