ग्रेटर नोएडा में सेमीकॉन इंडिया 2024 कार्यक्रम के उद्घाटन के अवसर पर उन्होंने कहा, “भारत दुनिया का 8वां देश है, जहां वैश्विक सेमीकंडक्टर उद्योग से जुड़ा भव्य कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। मैं गर्व से कह सकता हूं कि भारत आने का यह सही समय है! आप सही समय पर सही जगह पर हैं। 21वीं सदी के भारत में, चिप्स कभी भी डाउन नहीं होते हैं।”
उन्होंने कहा कि आज का भारत विश्व को आश्वस्त करता है कि जब मुश्किल समय आएगा, तो आप भारत पर दांव लगा सकते हैं।
उद्योग को बढ़ावा देने पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने पूंजीगत व्यय के लिए 50% समर्थन का आश्वासन दिया है जबकि राज्य सरकारें अतिरिक्त सहायता की पेशकश कर रही हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “हमारा सपना है कि दुनिया के हर उपकरण में भारत निर्मित चिप्स हों। सेमीकंडक्टर विनिर्माण में 1.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया गया है जबकि कई परियोजनाएं पाइपलाइन में हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत डिजाइनिंग की दुनिया में प्रतिभाओं का 20% योगदान देता है और यह लगातार बढ़ रहा है। देश 85,000 तकनीशियनों, इंजीनियरों और अनुसंधान एवं विकास विशेषज्ञों का सेमीकंडक्टर कार्यबल तैयार कर रहा है। उन्होंने कहा, “भारत का ध्यान अपने छात्रों और पेशेवरों को सेमीकंडक्टर उद्योग में शामिल करने पर है।”
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यह भी कहा कि सरकार उद्योग के लिए तैयार कर्मियों को सुनिश्चित करने के लिए प्रशिक्षण और शिक्षा पर काम कर रही है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत ने विशेष रूप से विज्ञान क्षेत्र में नवाचार और अनुसंधान के विकास और संवर्धन के लिए 1 ट्रिलियन रुपये का विशेष अनुसंधान कोष बनाया है।
उन्होंने कार्यक्रम में अपने उद्घाटन भाषण में कहा, “हमारे पास 3-आयामी शक्ति भी है – 1) भारत की सुधारवादी सरकार, 2) भारत में बढ़ता विनिर्माण आधार और 3) भारत का आकांक्षी बाजार। इस 3डी आधार के साथ, मुझे यकीन है कि भारत में सेमीकंडक्टर उद्योग फलेगा-फूलेगा।”