गॉडफ्रे फिलिप्स इंडिया के कार्यकारी निदेशक समीर मोदी को गुरुवार को अपनी मां बीना मोदी, जो कंपनी की अध्यक्ष हैं, के साथ चल रहे विवाद में दिल्ली की एक अदालत से कुछ राहत मिली। साकेत स्थित दिल्ली की एक अदालत ने दोनों पक्षों को अगली सुनवाई तक “यथास्थिति” बनाए रखने का निर्देश दिया है, साथ ही समीर मोदी को निदेशक मंडल से हटाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसने 24सेवन ब्रांड के तहत संचालित की जा रही खुदरा श्रृंखला को बंद करने पर भी रोक लगा दी है।
दिवंगत के.के. मोदी की 11,000 करोड़ रुपये की विरासत के बंटवारे को लेकर मां-बेटे के बीच विवाद चल रहा है।
अदालत समीर मोदी की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उन्होंने के.के. मोदी समूह की विभिन्न कंपनियों के निदेशक मंडल से उन्हें हटाने तथा खुदरा कारोबार बंद करने के खिलाफ एकपक्षीय निषेधाज्ञा की मांग की थी।
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न्यायालय ने कहा कि यदि वादी को निदेशक मंडल से हटा दिया जाता है या कंपनी का व्यवसाय, अर्थात् 24सेवन, बंद कर दिया जाता है, तो उसे “अपूरणीय क्षति” हो सकती है। इसलिए, इसने दोनों पक्षों को अगली सुनवाई की तारीख तक यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया। मामले की अगली सुनवाई 2 अगस्त को होनी है।
मां-बेटे के बीच विवाद तब और बढ़ गया जब समीर मोदी ने एफआईआर दर्ज कराई जिसमें आरोप लगाया गया कि उनकी मां बीना मोदी ने 30 मई को अपने पीएसओ के जरिए उन पर हमला करवाया जब उन्होंने बोर्ड की तय बैठक में घुसने की कोशिश की। पीएसओ ने भी समीर मोदी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।
समीर मोदी के खिलाफ पीएसओ द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए साकेत की मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट ने कार्रवाई रिपोर्ट (एटीआर) मांगी है। पीएसओ ने गैर-संज्ञेय रिपोर्ट (एनसीआर) दर्ज करने और समीर मोदी के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच के लिए निर्देश मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 12 जुलाई को होनी है।