श्रम मंत्रालय ने पेटीएम और ‘जबरन नौकरी से निकाले गए’ कर्मचारी के बीच विवाद सुलझाया

श्रम मंत्रालय ने पेटीएम और ‘जबरन नौकरी से निकाले गए’ कर्मचारी के बीच विवाद सुलझाया


पेटीएम प्रबंधन ने बुधवार को एक कर्मचारी की छंटनी संबंधी विवाद को सुलझा लिया, जब एक निकाले गए कर्मचारी की शिकायत के आधार पर श्रम मंत्रालय ने मामले में हस्तक्षेप किया।

कर्मचारी ने वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड, जो पेटीएम ब्रांड का मालिक है, द्वारा कथित रूप से जबरन नौकरी से निकाले जाने के खिलाफ श्रम मंत्रालय का दरवाजा खटखटाया था तथा कंपनी से ज्वाइनिंग बोनस वापस करने की मांग की थी।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बेंगलुरू के क्षेत्रीय श्रम आयुक्त, जिन्होंने 9 जुलाई को पेटीएम को नोटिस भेजा था, ने बुधवार को पेटीएम प्रबंधन और पीड़ित कर्मचारी का पक्ष सुना।

बुधवार को सुनवाई

उन्होंने कहा, “पेटीएम के प्रबंधन का प्रतिनिधि आज आयुक्त के समक्ष उपस्थित हुआ और ज्वाइनिंग बोनस की वसूली न करने तथा कर्मचारी को नोटिस अवधि का भुगतान करने पर सहमत हुआ।”

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि कर्मचारी ने क्षेत्रीय श्रम आयुक्त (केंद्रीय), बेंगलुरु की मौजूदगी में पेटीएम द्वारा दिए गए एग्जिट ऑफर को स्वीकार कर लिया। इसके बाद दोनों पक्षों की संतुष्टि के अनुसार शिकायत का समाधान कर दिया गया।

यह ताजा मामला, हाल के महीनों में फिनटेक प्रमुख पेटीएम द्वारा शुरू किए गए पुनर्गठन के बाद, इसके कई पीड़ित कर्मचारियों द्वारा दर्ज की गई कई शिकायतों में से एक है।

हाल ही में निकाले गए कई कर्मचारियों ने कंपनी पर आरोप लगाया था कि उन्हें बिना किसी नोटिस, कारण या मुआवजे के स्वैच्छिक रूप से बाहर निकलने के लिए मजबूर किया गया।

पेटीएम के प्रवक्ता ने कहा, “हम मामले को सुनने और इसमें शामिल होने के लिए श्रम मंत्रालय के आभारी हैं। संयुक्त चर्चा में शिकायतकर्ता को निकास की शर्तें स्पष्ट कर दी गई थीं और इसे शालीनता और सौहार्दपूर्ण तरीके से स्वीकार कर लिया गया था। हम कर्मचारियों द्वारा व्यक्त किए गए किसी भी मुद्दे को हल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और उनकी प्रतिक्रिया को सक्रिय रूप से सुन रहे हैं।”



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