केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने शुक्रवार को कहा कि उनका मंत्रालय और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) वैश्विक माइक्रोसॉफ्ट आउटेज से उत्पन्न स्थिति का सक्रियता से प्रबंधन कर रहे हैं, जिससे देश में हवाईअड्डे और एयरलाइन परिचालन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
नायडू ने एक बयान में कहा कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एएआई के सहयोग से परिचालन निरंतरता बनाए रखने के लिए मैनुअल बैकअप प्रणाली लागू की है।
वैश्विक माइक्रोसॉफ्ट आउटेज के कारण उड़ानें रद्द हो गईं और देश भर में हवाई अड्डों और चेक-इन काउंटरों पर लोगों की लंबी कतारें लग गईं।
बुकिंग, चेक-इन और बोर्डिंग पास जारी करने सहित बोर्डिंग प्रक्रिया जैसी सेवाएं मैन्युअल रूप से की जा रही हैं, जिससे अपेक्षा से अधिक समय लग रहा है और हवाई अड्डों पर लंबी कतारें लग रही हैं।
यात्रियों को व्यवधान की इस अवधि के दौरान हवाईअड्डा कर्मचारियों के साथ सहयोग करने की सलाह देते हुए मंत्रालय ने कहा कि वह असुविधा को कम करने और सभी यात्रियों की भलाई सुनिश्चित करने के लिए “प्रतिबद्ध” है।
उन्होंने कहा, “मैंने हवाईअड्डा प्राधिकारियों और एयरलाइनों को निर्देश दिया है कि वे दयापूर्ण व्यवहार करें तथा देरी से प्रभावित यात्रियों के लिए अतिरिक्त सीटें, पानी और भोजन उपलब्ध कराएं।”
नायडू ने कहा कि मंत्रालय यात्रियों की चिंताओं को समझता है और लोगों की सुरक्षित और त्वरित यात्रा सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहा है।
नायडू ने कहा, “हमने सभी एयरलाइनों और हवाईअड्डा अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे यात्रियों को उनकी उड़ान की स्थिति के बारे में सूचित रखें और आवश्यक सहायता प्रदान करें।” उन्होंने कहा कि अतिरिक्त उपायों में उड़ान की स्थिति के बारे में नियमित जानकारी देना और यात्रियों की सहायता करने तथा उनकी चिंताओं का समाधान करने के लिए अतिरिक्त कर्मचारियों की तैनाती करना शामिल है।
नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने एक अलग बयान में कहा कि नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) और मंत्रालय स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं तथा निजी एयरलाइनों को निर्देश जारी किए गए हैं कि वे यात्रियों को व्यवधानों के बारे में तुरंत सूचित करें।
मोहोल ने कहा, “यात्रियों की असुविधा को कम करने के लिए हमारी टीमें इस मुद्दे को यथाशीघ्र हल करने के लिए तत्परता से काम कर रही हैं।”