कोरोमंडल इंटरनेशनल का लक्ष्य कृषि क्षेत्र में वित्त वर्ष 24 में शुरू की गई अपनी ड्रोन छिड़काव सेवाओं का विस्तार करना है, ताकि खेती में ड्रोन की परिवर्तनकारी क्षमता को पहचाना जा सके।
मुरुगप्पा समूह की कंपनी ने वित्त वर्ष 24 में अपने ग्रोमोर ड्राइव और रिटेल स्टोर नेटवर्क से आंध्र प्रदेश और तेलंगाना जैसे राज्यों में 28,000 एकड़ से अधिक ड्रोन-छिड़काव को कवर किया, कंपनी की नवीनतम वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है।
कंपनी इस सेवा को “कृषि में जल संरक्षण के लिए एक बड़ा परिवर्तनकारी समाधान” बताती है, जिसका लक्ष्य 2025 तक 2,00,000 एकड़ क्षेत्र को ड्रोन छिड़काव समाधानों से कवर करना है। कोरोमंडल के अनुसार, ड्रोन-आधारित छिड़काव पारंपरिक तरीकों की तुलना में पानी की खपत को 90 प्रतिशत तक कम कर सकता है।
नैनो उर्वरक
इसमें कहा गया है कि विभिन्न क्षेत्रों के किसानों ने इस प्रौद्योगिकी और सेवाओं को तेजी से अपनाया है और इस पहल को विभिन्न फसल श्रेणियों में जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है।
एग्री ड्रोन छिड़काव सेवाओं और नैनो उर्वरकों द्वारा सक्षम सटीक कृषि भारतीय कृषि में क्रांति ला रही है। नैनो उर्वरकों को अपनाने से पारंपरिक उर्वरकों पर निर्भरता कम होने की उम्मीद है, जबकि ड्रोन सटीकता और कम पानी-गहन प्रथाओं को बढ़ावा देते हैं।
नमो ड्रोन दीदी पहल के तहत कोरोमंडल ने 200 ग्रामीण स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को निःशुल्क ड्रोन वितरित करके तथा उन्हें पायलट प्रशिक्षण प्रदान करके सहायता प्रदान की है। इन ड्रोनों का उपयोग कृषि संबंधी उद्देश्यों, जैसे कि फसल निगरानी, उर्वरक छिड़काव तथा बीज बोने के लिए किया जाएगा, जिससे अनेक महिलाओं को अतिरिक्त आय के अवसर प्राप्त होंगे।
कोरोमंडल ने ड्रोन, रोबोटिक्स और विशिष्ट रसायनों जैसे नए और निकटवर्ती व्यावसायिक क्षेत्रों में प्रवेश किया तथा उन्हें भविष्य के विकास क्षेत्रों के रूप में पहचाना।
Dhaksha
वित्त वर्ष 2024 में कोरोमंडल ने ड्रोन कंपनी दक्षा में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर 51 प्रतिशत कर दी और मई 2024 में इसे 58 प्रतिशत कर दिया। भारत की अग्रणी ड्रोन कंपनी दक्षा कृषि, रक्षा, निगरानी और उद्यम अनुप्रयोगों के लिए मानव रहित हवाई प्रणाली (यूएएस) प्रौद्योगिकी समाधानों की एक श्रृंखला प्रदान करती है। इसके कृषि ड्रोन विशेष रूप से सटीक कृषि छिड़काव के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।
कोरोमंडल की अब एक स्टेप-डाउन सहायक कंपनी दक्षा ने वित्त वर्ष 24 में ₹46.4 करोड़ की कुल आय दर्ज की, जो मुख्य रूप से ड्रोन और स्पेयर पार्ट्स की बिक्री से हुई। कर से पहले शुद्ध घाटा ₹21 करोड़ था, जबकि वित्त वर्ष 23 में ₹22 लाख का घाटा हुआ था।