उद्योग का कहना है कि शुल्क छूट से स्टेनलेस स्टील क्षेत्र को प्रतिस्पर्धी बने रहने में मदद मिलेगी

उद्योग का कहना है कि शुल्क छूट से स्टेनलेस स्टील क्षेत्र को प्रतिस्पर्धी बने रहने में मदद मिलेगी


उद्योग जगत के लोगों ने कहा कि फेरो निकेल पर शुल्क छूट तथा फेरस स्क्रैप और शुद्ध निकेल पर शून्य शुल्क जारी रखने से घरेलू स्टेनलेस स्टील क्षेत्र को प्रतिस्पर्धी बने रहने में मदद मिलेगी।

उन्होंने आगे कहा कि 25 महत्वपूर्ण खनिजों पर सीमा शुल्क में छूट से देश के भीतर ऐसे खनिजों के शोधन और प्रसंस्करण को बढ़ावा मिलेगा, जिससे आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप आत्मनिर्भरता आएगी।

जिंदल स्टेनलेस के प्रबंध निदेशक अभ्युदय जिंदल ने कहा, “हम फेरो निकल पर शुल्क में छूट, फेरस स्क्रैप और शुद्ध निकल पर शून्य शुल्क जारी रखने का स्वागत करते हैं और इससे घरेलू स्टेनलेस स्टील उद्योग और मिश्र धातु इस्पात उद्योग को अपनी प्रतिस्पर्धात्मकता बनाए रखने में मदद मिलेगी।”

सिनर्जी स्टील्स के निदेशक अनुभव कथूरिया ने कहा कि बजट में सरकार ने 25 महत्वपूर्ण खनिजों पर शुल्क में छूट दी है, जिससे भारत इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन जाएगा। उन्होंने कहा कि “स्टेनलेस स्टील उद्योग यह देखने के लिए इंतजार करेगा कि मोलिब्डेनम को 25 महत्वपूर्ण खनिजों की सूची में शामिल किया जाता है या नहीं।”

जिंदल ने कहा कि राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास के तहत 12 औद्योगिक पार्कों को मंजूरी देने के निर्णय से लोहा और इस्पात जैसे बड़े और भारी विनिर्माण क्षेत्रों में अपस्ट्रीम और डाउनस्ट्रीम सुविधाओं को मजबूत करने में मदद मिलेगी।

परमाणु प्रौद्योगिकी में अनुसंधान और विकास (आर एंड डी) के लिए सरकार का प्रयास एक स्वागत योग्य कदम है, क्योंकि इससे ऊर्जा पर निर्भर क्षेत्रों को स्वच्छ ऊर्जा प्राप्त करने में मदद मिलेगी, जिससे यूरोपीय संघ (ईयू) जैसे उत्सर्जन-संवेदनशील बाजारों में भारत की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी।

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